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आसमान में टकरा गए दो विमान । 71 पैसेंजर्स की मौत || Boeing 757 Collides With a Russian Tu-154

INTRODUCTION

इतनी बड़े विशाल आसमान में ऐसा कैसे हो गया की दो प्लेन एक दूसरे से टकरा गए।  क्यों इतने सारे मासूम लोगो को अपनी जान गवानि पड़ी। 

इतने बड़े हादसे का क्या कारन था और किसकी गलती थी।  क्यों इस एयर क्रैश ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया।  आईये जानते है इन सभी सवालो के जवाब

Case Study

1 जुलाई 2002, इटली का Bergamo international Airport।

DHL फ्लाइट 611 जो कुछ कार्गो लोड करने के बाद Bergamo एयरपोर्ट से उड़ कर Beligum के Brussel एयरपोर्ट पर जाने की तैयारी कर रही थी।

सब कुछ नार्मल तरीके से चल रहा था।

1990 में बना ये Boeing 757 सीरीज का एक कार्गो एयरक्राफ्ट था जो अपनी 12 साल की सर्विस में कुल मिला कर 39022 हवाई घंटो का सफर कर चूका था

DHL फ्लाइट को 47 वर्षीय ब्रिटिश कप्तान पॉल फिलिप्स कमांड कर रहे थे और उनका उसका साथ दे रहे थे 34 वर्षीय कैनेडियन को -पायलट Brant Campion .

Captain पॉल फिलिप्स एक बेहद ही अनुभवी और ज़िम्मेदार कप्तान थे. जिन्होंने अपने करियर में लगभग 12000 हवाई घंटों का कुशल अनुभव प्राप्त किया था.

अपने कप्तान की तरह कोपियलोट Brant भी 6604 हवाई घंटों के साथ एक मंझे हुए पायलट थे.

इत्तेफ़ाक़ से दोनों पायलट पिछले एक महीने से same route पर एक साथ फ्लाइट कर रहे थे. जिससे दोनों पायलट्स में काफी तालमेल बन गया था और वह एक दुसरे के काम करने के तरीके को भी भली भाँती समझ गए थे.

रात के करीब 9 बजे ,  DHL फ्लाइट पार्किंग रैंप से निकल कर टेकऑफ की तैयारी शुरू करती है 

और फाइनली Brussel एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरति है  

ठीक उसी वक़्त दुनिया के दुसरे कोने में Bashkirian एयरलाइन्स फ्लाइट 2937 मास्को से बार्सिलोना जाने के लिए उड़ान भर चुकी थी 

Bashkirian airline का ये plane 1995 में बना एक TUPOLEV TU – 154M एयरक्राफ्ट था , जो RA85816 number से  रेजिस्ट्रेड था. 

सूत्रों के मुताबिक़, यह प्लेन Russian crew द्वारा उड़ाया जा रहा था और इसके कैप्टन 52 वर्षीय Alexander Mihailovich Gross थे. 

Captain Alexander को 12000 घंटे का कुशल फ्लाइट एक्सपीरियंस था जिसमे से  4918 घंटे का एक्सपीरियंस इसी तरह के TU 154 प्लेन को उड़ाने का था।     

कप्तान Alexander के अलावा उस दिन फ्लाइट में Co-पायलट Oleg Pavlovich Grigoriev , फ्लाइट नेविगेटर Sergei Gennadyevich Kharlov और sesional पायलट  Murat Ahatovich Itkulov भी सवार थे।  

फ्लाइट में कुल मिला कर 60 पैसेंजर्स ओर 9 crew मेंबर्स थे,  जिनमे से  45 बच्चे रूस में स्थित बश्कोर्तोस्तान की UFA सिटी में पढ़ने वाले student थे. 

बताया जाता है की यह बच्चे लोकल UNESCO कमीटी  द्वारा आयोजित स्कूल ट्रिप पर थे. इन बच्चों में से ज़्यादातर के माता पिता बश्कोर्तोस्तान में हाई रैंक ऑफिशल्स थे.

सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा था और  आने वाले खतरे से अनजान सभी लोग अपनी फ्लाइट का आनंद ले रहे थे

वही दूसरी तरफ अपनी उड़ान के दोराण DHL की फ्लाइट swiss air traffic control से contact करती है और अपनी पोजीशन और स्पीड की जानकारी confirm करती है।

Swiss air Control DHL फ्लाइट को 36000 फ़ीट पर उड़ान भरने की अनुमति देता है, जिसके बाद DHL फ्लाइट 36000 फ़ीट पर उड़ने के लिए अपनी climb शुरू कर देता है।  

जर्मन बॉर्डर में होने के बावजूद यह एयरस्पेस Zurich स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक प्राइवेट एयरस्पेस कंपनी sky guide द्वारा कण्ट्रोल किया जाता था.

उस दिन zurich airspace में सारे air traffic को सँभालने की जिम्मेदारी सिर्फ एक ही कंट्रोलर निभा रहा था। और वह कंट्रोलर थे, पीटर निल्सन, जो एक साथ दो रडार स्कोपस को मॉनिटर कर रहे थे. 

एक रडार पर वो अपने एयरस्पेस  में enter करने वाले ट्रैफिक  को गाइड कर रहे थे , और वंही दूसरे रडार पर चार अलग अलग एयरक्राफ्ट्स के फ्लाइट path  को कण्ट्रोल कर रहे थे.

DHL और Bashkirian एयरलाइन flights  को कण्ट्रोल करने की जिम्मेदारी भी पीटर निल्सन की ही थी. 

DHL और Bashkirian एयरलाइन flights दोनों ही  उस वक़्त  36000 फ़ीट पर उड़ान भर रही थी.

उस दिन कण्ट्रोल टावर में फ़ोन लाइन्स और टावर repairing का काम चल रहा था,  और अकेले होने के कारण पीटर निल्सन काफी stress और work load महसूस कर रहे थे।   

इस एक्स्ट्रा वर्कलोड के कारण पीटर निल्सन ये अंदाज़ा नहीं लगा पाए की DHL और बाशिकीरियन एयरलाइन्स दोनों ही 36000 फ़ीट पर उड़ान भर रही थी और बहुत ही तेज़ गति से एक दुसरे की तरफ बढ़ रही थी.

खतरे से अनजान DHL और Bashkirian एयरलाइन फ्लाइट्स अब एक ही height पर एक दुसरे की तरफ बहुत तेज़ी से बढ़ रहे थे

तभी अचानक दोनों फ्लाइट्स का TCAS सिस्टम air collision वार्निंग देना शुरू कर देता है

TCAS एक ऐसा आधुनिक सिस्टम है जो  दो हवाई जहाज़ों को हवा में  टकराने से बचाता है. 

इसको ट्रैफिक collision अवोइडेन्स सिस्टम भी कहा जाता है. 

अगर दो जहाज़ किसी कारण से एक ही height पर एक दूसरे की तरफ आते है तो TCAS सिस्टम दोनों जहाज़ो को एक दूसरे से दूर ले जाने की कोशिस करता है ताकि दोनों जहाज़ो की टक्कर रोकी जा सके।

जब TCAS सिस्टम ने ये देखा की दोनों प्लान्स एक ही हाइट पर एक दूसरे की तरफ आ  रहे है, तो उन्हें आपस में टकराने से बचाने के लिए TCAS सिस्टम ने Bashkirian एयरलाइन्स  हो ऊपर की और जाने का निर्देश दिया . 

TCAS के मुताबिक़ यदि जहाज़ को 1500 – 2000 फ़ीट प्रति मिनट की रफ़्तार से ऊपर की और ले जाय जाए तो दूसरा जहाज़ उसके  नीचे से सुरक्षित निकल जाएगा. 

वहीँ दूसरी तरफ TCAS system ने  DHL flight को नीचे जाने  का निर्देश दिया. ताकि Bashkirian एयरलाइन्स बिना किसी टकराव के उनके ऊपर से निकल जाए. 

DHL फ्लाइट के कप्तान ने TCAS द्वारा दिए गए निर्देश को मानने का फैसला किया ओर जहाज़ का रुख नीचे की ओर कर के उसे autopilot पर कर  दिया. 

हालांकि DHL कप्तान अपने द्वारा लिए गए इस फैसले की  जानकारी ATC Controller Nilson को नही दे पाए क्यूंकि उस वक़्त कंट्रोलर Bashkirian एयरलाइन्स के साथ संपर्क में था.

अगर दोनों फ्लाइट्स के captain TCAS सिस्टम की instructions को फॉलो करते तो दोनों फ्लाइट्स safe distance के साथ एक दूसरे से दूर चली जाती।  लेकिन जैसे कहा जाता है , दुर्घटना के क्षणो में  व्यक्ति का विवेक उसका साथ छोड़ देता ह।   ठीक ऐसा ही कुछ हुआ. 

जहाँ TCAS system Bashkirian एयरलाइन्स को ऊपर जाने का निर्देश दे रहा था वही confusion और workload  के कारण कंट्रोलर पीटर निल्सन उन्हें नीचे जाने को कह रहा था और जिसका ड़र था वही हुआ। 

Bashkirian एयरलाइन्स ने TCAS द्वारा दिए गए निर्देश का उलंघन किया ओर कंट्रोलर Nilson  द्वारा दिए गए सुझाव को मान कर जहाज़ को नीचे की ओर मोड़ दिया. 

अब बदकिस्मती से फिर से दोनों planes एक ही हाइट  पर एक दुसरे ही ओर बढ़ने लगे.

TCAS की warnings से अनजान, कंट्रोलर Nilson , अभी भी Bashkirian एयरलाइन्स  फ्लाइट को  बार बार नीचे जाने  का सुझाव देते रहे.

दुर्भाग्य से ऐसे गंभीर समय में कंट्रोलर Nilson एक और बहुत भारी गलती कर बैठे. 

उन्होंने Bashkirian एयरलाइन्स के pilots  को कहा की DHL प्लेन उनके दाईं ओर से आ रहा है.   जबकि DHL प्लेन उनके बाई और से आ रहा था।  

Bashkirian एयरलाइन्स के पायलट्स आखिरी शनो तक दाईं और ही DHL flight को देखने की कोशिश करते रहे।  

तभी अचानक Bashkirian एयरलाइन्स के पायलट्स को बाई और से आती DHL की फ्लाइट दिखाई थी।  

तब तक DHL पायलट्स को भी अपने सामने Bashkirian एयरलाइन्स दिखाई दे चुकी थी।  

मुसीबत को समझते हुए तब Bashkirian एयरलाइन्स के पायलट्स ने प्लेन को उप्र ले जाने की आखिरी कोशिश की।

लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और इस दुर्घटना से बचना लगभग ना -मुमकिन था. 

34890 फ़ीट की ऊंचाई पर दोनों planes एक दूसरे से टकरा गए 

टकराते ही Bashkirian plane हवा में ही टुकड़ों में बट गया और  कई kilometers के एरिया में उसके टुकड़े फ़ल गए  

वही DHL plane का भी एक पंख टूट गया था।   

एक पंख के साथ DHL plane को उड़ाना अब पायलट्स के लिए असंभव हो गया था ,  ओर कहीं न कहीं उन्हे भी पता था की उनका हाल भी Bashkirian एयरलाइन्स जैसा ही होने वाला है. 

आखिरकार pilots की लाख कोशिशों के बाद भी DHL plane  एक गाँव के  पास जंगली इलाके में क्रैश हो गया. 

बदकिस्मती से इस दुर्घटना में दोनों planes में से कोई भी जिन्दा नहीं बच पाया और 71 लोगो को अपनी जान गवानि पड़ी

इस एक्सीडेंट के बाद ATC controller निल्सन ट्रॉमा में चले गए ओर उन्हे medical ट्रीटमेंट दिलवाया गया.
शुरुवात में skyguide अपनी गलती मानने के लिए तैयार नही थी ओर उन्होंने सारा का सारा इलज़ाम russian पायलट पर ढाल दिया था.

लेकिन पता नही कैसे कुछ सालों बाद SkyGuide company ने अपनी गलती मान ली ओर उस दुर्घटना में मारे गए लोगो के परिवार वालो से माफ़ी मांगी।

लेकिन यह बात यहीं ख़त्म नही हुई. इस दुर्घटना में अपनी पत्नी और दो बच्चो की मौत से परेशांन एक रूसियन architect ने Controller पीटर Nilson को ही इस हादसे का जिम्मेदार मना।

उसने जैसे तैसे कर के Nilson का Phone number ओर Address खोज निकला ओर उसके घर जा कर नेल्सन के बीवी बच्चों के सामने ही उसकी हत्या कर दी.

इस हादसे के बाद Aircrash Investigation Team ने अपनी रिपोर्ट में बहुत सारे कारणों को सुधारने का निर्देश दिया। जिसमे Pilots को TCAS सिस्टम को अछि तरह समझने और उसके निर्देशों का पालन करने की ट्रेनिंग दी जाए.

साथ साथ TCAS सिस्टम को भी अपग्रेड करने की सलाह दी गयी ताकि इस तरह की सिचुएशन में वो साफ़ साफ़ निर्देश दे सके ताकि पायलट्स उन्हें अछि तरह से समझ पाए और ऐसे हादसों को रोका जा सके।

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