यकीन नहीं होगा | Flight Secrets That Most Passengers Don’t Know

प्यारे दोस्तों Techo Air की इस फ्लाइट में आपका स्वागत है।

आज हम आपको आसमान की सैर पर ले जायेंगेऔर साथ ही साथ आपको एविएशन इंडस्ट्री से जुडी हुई कुछ ऐसी रोचक और महतवपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे जिसे सुन कर आप हैरान तो होंगे ही लेकिन साथ ही साथ आपको ऐसी खुफ़िआ जानकारी भी मिलेगी जो सभी एयरलाइन्स कम्पनिया अपने ग्राहकों से छुपाती है

कैसे फ्लाइट में अपनी सीट चुनना या फ्लाइट में मिलने वाले खाने पर ध्यान देना , न सिर्फ आपको मौत के मुँह से बचा सकता है बल्कि आपकी यात्रा को और भी सुखद और आरामदायक बना सकता है

CASE STUDY

सस्ती फ्लाइट टिकट:

हम सभी यही चाहते है ही अपनी अगली यात्रा के लिए हमे बढ़िया और सस्ती फ्लाइट टिकट मिले, जिसके लिए हम कई साड़ी अलग अलग websites  पर जा कर ticket search करते है।  और तो और हम दिन में कई कई बार टिकट सर्च करते है ताकि हमे सस्ती से सस्ती टिकट मिल सके।  और यही सबसे बड़ी गलती है जो हम लोग टिकट खरीदने के दौरान करते है। 

क्या अपने कभी ध्याना दिया है की आप दिन में जितनी बार भी टिकट search करते है वो हमेशा पहले वाली search से महंगी दिखाई देती है।  आप जितनी ज्यादा बार अपने computer या मोबाइल से सर्च करते चले जायेंगे, टिकट उतनी ही महंगी होती चली जाएगी। 

आप सोच रहे होंगे की शायद उस फ्लाइट के डिमांड ही इतनी ज्यादा है और कई लोग उस फ्लाइट की टिकट खरीदने की कोशिश कर रहे है , इसलिए हर बार टिकट पहले से महंगी दिखाई देती है।  जी नहीं , बल्कि सचाई ये है की अप्प खुद ही उस टिकट की  डिमांड और price को बड़ा रहे है। 

आप जितनी बार भी टिकट search करते है उतनी ही बार आपके कंप्यूटर की cookies में वो information save होती रहती है।  साथ ही साथ टिकट कंपनी को भी ये पता चल जाता है की आपको वाकई में उस फ्लाइट टिकट की जरूरत है इसलिए वो हर बार आपको सर्च रिजल्ट में price बड़ा कर दिखाएंगे। 

अब सवाल आता है की फिर कैसे सस्ती टिकट search करे।

Tip Number 1 – जब भी आप किसी ट्रेवल वेबसाइट पर टिकट सर्च करे और search रिजल्ट में आपको आपकी पसन्द और टाइम अनुसार फ्लाइट मिल जाए तो कोशिश करे की आप तभी उस टिकट को खरीद ले।  दिन में बार बार आप उसी फ्लाइट को सर्च ना करे।  आप जितनी बार search करेंगे , टिकट उतनी ही महंगी होती चली जाएगी।  अगर किसी कारण से आपको पहली बार में अपनी मनपसंद टिकट नहीं मिलती और आपको दुबारा सर्च करना है तो आप अगली बार किसी दूसरे कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन से सर्च करे जो किसी अलग wifi से कनेक्ट हो।

Tip Number 2  – अगर आपको लगता है की आप जितने ज्यादा वक़्त पहले टिकट बुक करेंगे वो आपको उतनी ही सस्ती पड़ेगी , तो भी शायद आप गलती कर सकते है।  कई बार आखिरी वक़्त पर जब फ्लाइट्स की सीट खाली रह जाती है तो एयरलाइन्स उन सीट को सस्ता कर देती है।  मैं जब भी एयर ट्रेवल करता हूँ तो हमेशा सिर्फ कुछ घंटे पहले ही टिकट बुक करता हों और वो टिकट हमेशा सस्ती ही पड़ती है।

तो चलिए सस्ती टिकट तो हमने खरीद ली. अब करते है अपनी पैकिंग

यक़ीनन सबकी mummy कहती है की बेटा जरूरत का सब सामान रख लो ताकि सफर में कोई परेशानी ना हो।  गरम कपडे रख लो , कुछ जोड़ी extra shoes रख लो , मोटी गरम जैकेट रख लो , थोड़ा अचार रख लो , कुछ मिठाई भी रख लो। 

माँ का ऐसा प्यार खुशकिस्मत लोगो को ही मिलता है।  लेकिन एयरलाइन्स वालो को शायद इसी प्यार से जलन होती है।  अगर आपका luggage टिकट के  निर्घारित weight से थोड़ा भी ज्यादा हो गया तो यकीन मानिये एयरलाइन्स वाले आपसे उसकी बहुत बड़ा fine लगाएंगे। 

कई बार तो extra luggage का फाइन टिकट के ओरिजिनल प्राइस से  50 % से भी ज्यादा हो जाता है. इसलिए हमेशा कोशिश करे की फ्लाइट में सिर्फ जरूरी और वेट लिमिट के according ही पैकिंग करे .

कभी भी ये मत सोचिये गा की 1 -2 किलो ही तो ज्यादा है , टिकट काउंटर पर request कर देंगे और वो मान जायेंगे।  जी नहीं, या तो आपको फाइन देना पड़ेगा या अपना सामान एयरपोर्ट पर ही निकाल कर फेकना पड़ेगा।  और यकीनन आप दोनों में से कुछ भी करना पसंद नहीं करेंगे।

चलिए फ्लाइट के लिए late हो रहे है

टिकट तो हमने खरीद ही ली है आराम से एक घंटा पहले एयरपोर्ट चलेंगे।  जी नहीं।  आमतोर पर किसी भी एयरपोर्ट से एक वक़्त में कई सारी फ्लाइट टेकऑफ करती है।  जिस कारण से luggage checkin और security गेट पर कई बार काफी भीड़ हो जाती है। 

कई बार बड़ी बड़ी इंटरनेशनल फ्लाइट के दौरान सिक्योरिटी गेट पर 2 -3 घंटे भी लग जाते है।  और अगर सिक्योरिटी checkin में देरी के कारन आपकी फ्लाइट छूट जाती है तो एयरलाइन्स इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगी और आपको दोबारा फ्लाइट टिकट खरीदनी पड़ेगी।  इसलिए एयरपोर्ट पर कम से कम 3 घंटे पहले जरूर पहुंचे।

फ्लाइट बोर्डिंग

हमने luggage checkin कर दिया , सिक्योरिटी गेट भी क्लियर कर लिया तो जल्दी से बोर्डिंग की लाइन में लग कर प्लेन में बैठते है।  हम्म्म असल में यहाँ जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है।  आप जितनी जल्दी बोर्डिंग की लाइन में लगेंगे , आपको उतनी ही ज्यादा देर खड़ा रहना पड़ेगा। 

अब अगर आप बोर्डिंग गेट पर टाइम से पहुँच ही गए है तो फ्लाइट आपको ले कर ही जाएगी, बसर्ते आप बाथरूम में छुप कर ना बैठे हो

आपकी टिकट पर आपका सीट नंबर पहले से लिखा है तो ऐसा नहीं है की आपको सीट नहीं मिलेगी या कोई और आपकी सीट पर बैठ जायेगा , तो बोर्डिंग लाइन में खड़े रहने से अच्छा है की आप लास्ट में आराम से बोर्डिंग करे।  ऐसा करने से आप परेशानी से बचेंगे और बेफज़ूल में लाइन में लगने की भी जरूरत नहीं है

ये बोर्डिंग पास है , bus या train की टिकट नहीं

आइये एक नज़र अपने बोर्डिंग पास पर भी डालते है 

आपकी टिकट पर दिखाई दे रहा 6 digit का code जिसे आप PNR number या passenger name refrence भी कह सकते है, ये वाक़ई में पैसेंजर रिकॉर्ड होता है।

इस नंबर में पैसेंजर की सभी पर्सनल इनफार्मेशन होती है जो एयरलाइन्स के कंप्यूटर system में save होती है।  इसी नंबर का इस्तेमाल करके एयरलाइन और एयरपोर्ट स्टाफ आपकी सभी जानकारी चेक करते है। 

 इस छोटे से नंबर में आपकी date of birth , address , mobile number से लेकर आपके payment card तक की information होती है।  जरा सोचिये अगर ये सारी इनफार्मेशन किसी criminal के हाथ लग जाए तो वो इसका क्या क्या फायदा उठा सकता है।

तो अगली बार फ्लाइट से उतरने के बाद भूल कर भी अपनी टिकट को किसी public dustbin में ना फेख्ने।

अब अगर आपको लगता है की आपके बोर्डिंग पास पर PNR number ही सबसे महत्वपूर्ण है तो दोबारा से एक नज़र फिर से अपने बोर्डिंग पर डाल लीजिये।  कही आपके बोर्डिंग पास पर इस तरह चार बार S S तो नहीं लिखा हुआ है। 

आमतोर पर अगर किसी भी पैसेंजर के बोर्डिंग पास पर ऐसा नंबर लिखा होता है तो सिक्योरिटी गेट पर उस पैसेंजर की ज्यादा और अच्छी तरह से तलाशी ली जाती है।  इस कोड का मतलब है Secondary Security Screening Selection जो उन पैसेंजर्स के बोर्डिंग पास पर लिखा जाता है जो एयरलाइन कंपनी को किसी भी तरह से संदिक्त या रहसयमई नज़र आते है। 

चाहे आपने cash में टिकट खरीदी है या फिर सिर्फ one way टिकट ली है तो एयरलाइन कंपनी आप को संदेह की नज़र से देख सकते है और आपके बोर्डिंग पास पर ये नंबर लिख सकते है।  तो अगर अगली बार आपको ऐसा कोई नंबर अपने बोर्डिंग पास पर दिखाई दे तो घबरायें नहीं।  बसर्ते आप जानभूझ कर कुछ छुपा कर ना ले जा रहे हो

हवाई हमले

औसतन एक कमर्शियल पैसेंजर प्लेन का भार लगभग 80 हज़ार किलोग्राम के आस पास होता है।  इतना भारी भरकम हवाई जहाज जब हवा में उड़ता है तो छोटे से पक्षी से लेकर आसमानी बिजली जैसी बहुत सारी चीज़े उससे टकराती है.

वैसे तो किसी पक्षी का टकराना प्लेन से ज्यादा उस बेचारे पक्षी के लिए घातक होता है लेकिन भीर भी कई बार जब तेज़ स्पीड़ से उड़ते हुए प्लेन को ये छोटा सा पक्षी बहुत भारी नुकसान पहुंचा सकता है।  2015 में turkish एयरलाइन के एक विमान से जब एक पक्षी टकराया तो उसने प्लेन के अगले भाग को पूरी तरह तहस नहस कर दिया था।  किस्मत से इस हादसे में पैसेंजर्स को तो कोई नुक्सान नहीं हुआ , हाँ पर बेचारी पक्षी के लिए ये उसकी आखिरी उड़ान थी

एक डाटा के मुताबिक अकेले US में ही हर साल 13000 से ज्यादा हवाई जहाज़ और पक्षी के टकराने की घटनाएँ होती है.  इस तरह के हादसों से बचने के लिए एयरपोर्ट कई तरह के ऐसे अजीब उपाय करते है की आप सोच भी नहीं सकते।

इसी तरह का एक उपाय है Propane Canon , जो बिना गोली के सिर्फ आवाज़ के साथ धमाका करती है ताकि एयरपोर्ट के आस पास पक्षी डर कर दूर उड़ जाए

इसके अलावा हर एयरपोर्ट अपने वातावरण के अनुसार और भी कई तरह के उपाय करता है , जैसे कुछ एयरपोर्ट आस पास  की घास को साफ़ करके वहां कंकर पत्थर बिछा देते है।  इसी तरह कुछ एयरपोर्ट अपने रनवे के आस पास एक बड़े डरावने बाज़ की आखों की तरह चमकने वाली LED screens लगा देते है जिससे डरकर भी आस पास के पक्षी एयरपोर्ट से दूर भाग जाते है

ऐसा नहीं है की किसी भी उड़ते हुए प्लेन को सिर्फ पछियों से ही खतरा है ,  आसमानी ओले किसी भी प्लेन के लिए सबसे खतरनाक चीज़ है जो पल भर में एक भारी भरकम प्लेन को तबाह कर सकते है।  ऐसी ही एक तूफानी रात में औलो ने कुछ इस तरह से प्लेन के अगले हिस्से को एक कागज़ की तरह भाड़ डाला था। औलो के कारन प्लेन की windscreen इस तरह से चकना चूर हो गयी थी की पायलट को बिना दिखे सिर्फ अंदाज़े से ही इस प्लेन को लैंड करना पड़ा था। 

औलो के अलावा आसमानी बिजली भी प्लेन में सफर करने वाले हर यात्री को कभी न कभी डराती ही है।  लेकिन आसमानी बिजली हवाई जहाजों के लिए इतनी खतरनाक नहीं है क्योंकी हर प्लेन को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है ही जब भी बिजली प्लेन के एक हिस्से से टकराती है तो वो प्लेन या उसमे सफर कर रहे यात्रिओं को बिना कोई नुक्सान किये प्लेन के किसी दूसरे हिस्से से बाहर निकल जाती है।  औसतन हर पैसेंजर प्लेन साल में एक बार आसमानी बिजली से टकराता ही है और बिना किसी नुकसान के निकल जाता है।

Toilet Waste

प्लेन में बाथरूम का इस्तेमाल करते हुए शायद आपने भी कभी सोचा हो के ये सारा waste कहाँ जाता है।  क्या ट्रेन की तरह ये सीधा प्लेन से बाहर गिर जाता है? जी नहीं ऐसा बिलकुल नहीं है।  वरना किसी sunday की सुहानी दोपहर आप अपने घर की छत पर बैठे चाय की चुसकिओ के साथ अख़बार पड़ रहे हो आसमान से कुछ ऐसा आ कर आपके कप में गिर पड़े ?

हालांकि टॉयलेट का सारा waste एक air vacume की मदद से प्लेन में बने एक chemical  tank में जमा होता रहता है। हर उड़ान के बाद  उस chemical tank को ग्राउंड स्टाफ द्वारा एक waste truck की मदद से खाली किया जाता है।  लेकिन कई बार किसी तकनिकी खराबी के कारण airplane का waste टैंक आसमान में leak हो जाता है और नीले रंग के केमिकल में घुला हुआ मानवीय waste बर्फ के आकार में नीचे जमीन पर आ कर गिरता है।  तो अगर अगली बार आपको आसमान में किसी प्लेन से नीले रंग की बर्फ गिर कर मिले तो भूल कर भी उसे आइसक्रीम समझने की गलती ना करे।

अब अगर हम एयरप्लेन के टॉयलेट की बात कर ही रहे है तो क्या आपको पता है की प्लेन के टॉयलेट दरवाज़े का लॉक  बाहर से भी खोला जा सकता है।  हर प्लेन के टॉयलेट दरवाज़े में बाहर की तरफ एक ऐसा खुफ़िआ बटन होता है जिसे दबा कर केबिन क्रू आसानी से टॉयलेट door का लॉक open कर सकते है।  तो अगर अगली बार कोई बच्चा प्लेन के टॉयलेट में अपने आप को लॉक कर ले तो घबराएं नहीं।  केबिन क्रू पलक झपकते ही उसे खोल सकते है।

खाना

हम सब जानते है की हवाई जहाज़ में खाना कैसा बेसवाद सा लगता है , पर क्या कभी अपने सोचा है की ऐसा क्यों।  एयरप्लेन का खाना आमतोर पर एयरपोर्ट के पास ही किसी कमर्शियल फैक्ट्री में fresh बनाया और पैक किया जाता है। 

जिसके बाद केबिन क्रू उसे प्लेन के ओवन में गरम करके पैसेंजर्स को देते है। लेकिन फिर भी वो खाना काफी बेसवाद लगता है , जिसका सबसे main कारण है की हवा में इतनी ज्यादा हाइट पर प्लेन में air moisture 10 % से भी कम होता है जिसके कारण हमारे सूंघने और स्वाद लेने वाले sensous सुख जाते है.

इसलिए प्लेन में हमारे मीठे स्वाद लेने की ताकत 15 से 20 % तक कम हो जाती है वही नमकीन स्वाद लेने की ताकत भी 20  से 30 % तक कम हो जाती है. इसलिए कई एयरलाइन कम्पनिआ खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए उसमे ज्यादा नमक और चीनी डालते है जो हमारे स्वाद के लिए तो अच्छा हो सकता है पर यकीनन हमारी सेहत के लिए नहीं।

फ्लाइट में बेस्वाद खाना सिर्फ पैसेंजर्स की मुसीबत नहीं है बल्कि पायलट्स के लिए तो समस्या और भी गंभीर है।  अगर आप ये सोचते है की पायलट्स कॉकपिट में स्वाद खाने के मजे ले रहे होंगे , तो आप जानकर हैरान हो जायेंगे की पायलट्स को फ्लाइट्स के दौरान बहुत ही strict डाइट के अनुसार खाना दिया जाता है। 

फ्लाइट के दौरान दोनों पायलट्स एक तरह का खाना नहीं खा सकते।  ताकि अगर एक तरह के खाने में कोई खराबी हो तो दूसरा पायलट उसी खाने को खाकर  बीमार ना पड़े।  इसी तरह दोनों पायलट खाना भी अलग अलग टाइम पर खाते है ताकि एक पायलट हमेशा स्वस्ध और चौकना रहे।

खडूस पायलट्स

प्लेन को उड़ाना अपने आप में एक टेंशन भरा काम है , और ऊपर से अगर आपका co pilot भी खडूस हो तो मुसीबत और भी बढ़ जाती है।  प्लेन उड़ाते समय दोनों पायलट्स के बीच में सही तालमेल होना बहुत ही जरूरी। 

खासकर टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान तो हालात और भी गंभीर होते है जहाँ दोनों पायलट्स को बहुत ही सूझ बूज और आपसी तालमेल से decission लेने होते है।  इसलिए एयरलाइन्स कम्पनी इस बात का बहुत धयान देती है की दोनों पायलट्स के बीच में आपसी रिश्ते अच्छे होने चाहिए और इसीलिए वो दो ऐसे पायलट्स को कभी भी एकसाथ उड़ान पर नहीं भेजते जो एक दूसरे को पसंद नहीं करते हो ।

सबसे सुरक्षित सीट

अगर आप फिल्मो या न्यूज़ में दिखाई देने वाले हवाई हादसों को देख कर घबरा रहे है और सोचते है की हवाई यात्रा अपनी जान को खतरे में डालना है तो यकीन मानिये ऐसा बिलकुल भी नहीं है।  हवाई यात्रा travel करने का सबसे सुरक्षित माध्यम है। 

यकीन मानिये हवाई दुर्घटना में मरने की संभावना 33 अरब 77 करोड़ लोगो में सिर्फ एक की है। लेकिन फिर भी बहुत से लोग हवाई सफर के नाम से भी डरते है।

वैसे चाहे आप हवाई यात्रा से डरते हो या नहीं , लेकिन फिर भी आपके मन में ये ख्याल जरूर आता होगा की प्लेन में सबसे सुरक्षित सीट कौन सी है।

पिछले 35 सालो में हुई 17 हवाई दुर्घटनाओं के डाटा के अनुसार, किसी भी क्रैश के हालात में हवाई जहाज़ के सबसे पिछले हिस्से में बैठे यात्रिओं के बचने की संभावना 68 % के करीब होती है वही अगले हिस्से में  बैठे यात्रिओं के बचने की संभावना 62 % के करीब होती है. जबकि हवाई जहाज़ के बीच में ये 60 % के करीब होती है।

इसी तरह aisle seat के मुकाबले बीच में बैठे यात्रिओं के बचने की सम्भांवना 72 % के करीब होती।

खिड़की में छेद

खिड़की वाली सीट पर यात्रा करते वक़्त आपने खिड़की में एक छोटे से छेद को जरूर देखा होगा।  ये देखने में जितना छोटा लगता है असल में ये उतना ही महत्वपूर्ण होता।  इस छेद को bleed hole के नाम से जाना जाता है जो विमान के कोकपिट में हवा के दबाव को संतुलित रखने के लिए बहुत जरूरी होता है।

जैसे जैसे हवाई जहाज  हवा में और उचाई पर जाता है तो हवा का दबाव कम होता जाता है।  इसलिए हवाई जहाजों में ऐसी तकनीक अपनाई जाती है की केबिन में हवा का दबाव सही तरीके से बना रहे। 

इस तरह के प्रेशर में एक सामान्य सीसा आसानी से टूट सकता है और हवा का दबाव आपको प्लेन से बाहर खींच सकता है इसलिए हवाई जहाज की खिड़की तीन अलग अलग layers को मिला कर बनाई जाती है. ब्लीड होल बीच वाली layer में होता है ताकि बाहरी और भीतरी layers के बीच में हवा का दबाव बराबर तरीके से बना रहे.

इसके अलावा इतनी उचाई पर तापमान भी बहुत कम होता है तो bleed hole खिड़की में धुंद या बर्फ को जमने से भी रोकता है ताकि हम बाहर के नज़ारो का आनंद ले सके.

ये तो हमे पता चल गया की छोटा सा bleed hole प्लेन के लिए कितना जरूरी है पर window सीट पर आसमान के नज़ारे लेते हुए आपने कभी अपनी window के ऊपर बने हुए छोटे से trengular शेप पर ध्यान दिया है।  ये निशान उन विंडो पर लगाया जाता है जहाँ से एयरप्लेन के इंजन और विंग बिलकुल साफ़ नज़र आते।  अगर किसी इमरजेंसी के वक़्त केबिन क्रू को इंजन या विंग को देखना हो तो इस निशान से उन्हें पता चलता है की किस विंडो से इंजन सबसे साफ़ दिखाई देगा। 

डिस्को साउंड

अलग अलग तरह की picture और sign के अलावा प्लेन में कई तरह के signal sound का भी इस्तेमाल किया जाता है जो पैसेंजर्स और केबिन क्रू दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते है। 

आप सबने आमतोर पर इस सिंगल ding sound को सुना ही होगा।  अगर इस सिंगल डिंग साउंड के साथ सीट बेल्ट लाइट भी ON हो जाये तो इसका मतलब होता है की आप अपनी सीट पर वापस चले जाये और अपनी सीट बेल्ट लगा ले। 

सीट बेल्ट वार्निंग के अलावा इन डिंग साउंड के और भी मतलब होते है।  उदहारण के तोर पर बिना सीट लाइट के सिंगल डिंग साउंड का मतलब पायलट केबिन क्रू को आने वाले turbulance की जानकारी देना चाहते है।  वही अगर ये  डिंग साउंड दो बार बजे तो इसका मतलब होता है प्लेन 10000 फ़ीट की उचाई पर पहुँच चूका है। 

वही अगर ये डिंग साउंड 3 बार बजे तो इसका मतलब केबिन क्रू को चेतावनी देना है की प्लेन में कोई बहुत बड़ी इमरजेंसी आ चुकी है जैसे किसी पैसेंजर की तबियत ख़राब हो जाना या प्लेन का किसी सीरियस टर्बुलेन्स से गज़रना।  तो अगली बार आप जब भी हवाई यात्रा करे तो इन साउंड पर ध्यान रखे।

उम्मीद है ये सारी जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित हो , तो अगली बार जब भी हवाई जहाज़ में सफर करे तो क्रू मेंबर्स को thanks बोलना ना भूले। 

हवा में वही हमारे सुपर हीरो जो हमारी सभी सुविधाओं और सुरक्षा का ध्यान रखते है।  तो कृपया अपनी सीट की पेटी बांद ले और हमारे साथ आप भी आज़ाद पंछी की तरह हवा में उड़ते हुए अपने हवाई सफर का आनंद ले। 

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