INTRODUCTION
कैसे Amazon के खतरनाक जंगलो में क्रैश हुआ एक प्लेन।
4 बच्चों को छोड़कर प्लेन में सवार सभी लोगो की मौत. 40 दिनों तक उस खौफनाक जंगल में भटकने के बाद कैसे बाहर आये वो बच्चे?
भगवान की माया और किस्मत को समझना इंसान के बसकी बात नहीं।
चम्तकार की इस पूरी कहानी को जानने के लिए बने रहिये हमारे साथ
CASE STUDY
1 May, 2023 , सुबह के लगभग 7 बजे Colombia का Araracuara Airport.
Avianline Charters एयरलाइन का एक Cessna 206 प्लेन San José del Guaviare एयरपोर्ट जाने की तैयारी कर रहा था।
Avianline Charters एयरलाइन, जो mainly एक travel company थी , उसने 2011 में अपने एयरलाइन business की शुरुआत की थी. ये कंपनी colombia के अलग अलग शहरों के लिए air ambulance और charted flight की services provide करती थी।
पायलट Hernando Murcia Morales के साथ उस दिन प्लेन में 6 और पैसेंजर्स सवार हुए. इन्ही पैसेंजर में Magdalena Mucutuy Valencia नाम की एक माँ भी अपने 4 छोटे छोटे बच्चो के साथ इस charted प्लेन में सवार हुई।
ये सभी लोग दक्षिण कोलंबिया की एक आदिवासी जाती Witoto से belong करते थे , जिसके कारण इन्हे जंगल के रहन सहन और उसमे पाए जाने वाले जंगली जानवरो और पेड़ पौधो की अच्छी खासी जानकारी थी। और वीडियो में आगे देख़ने पर हमे पता चलेगा की कैसे इस जानकारी ने ही इन मासूम बच्चो को amazon के उस खौफनाक जंगल में मौत के मुँह से बचाया था।
और सुबह के करीब 7 बजकर 20 मिनट पर उस charted प्लेन ने Araracuara Airport से उड़ान भरी।
उड़ान के महज 15 मिनट बाद प्लेन जब amazon के घने जंगलो के ऊपर से गुजर रहा था तो तभी अचानक प्लेन के इंजन में कुछ खराबी आ गयी।
शुरआत में पायलट ने इंजन को restart करने की कोशिश की लेकिन जल्द ही पायलट को एहसास हो गया की अब प्लेन को बचाना मुश्किल है।
Cessna वैसे भी एक single engine propellar प्लेन था , जिसमे आगे की तरफ लगा हुआ केवल एक ही इंजन होता है और अगर वो इंजन भी fail हो जाये तो फिर प्लेन को बचाना नामुमकिन होता है।
हवा में 13000 फ़ीट की उचाई पर उड़ रहे प्लेन को कण्ट्रोल करने की कोशिश करते हुए जब पायलट को यकीन हो गया की प्लेन क्रैश होने वाला है तो उसने तुरंत ही पास के ATC टावर को emregency कॉल किया।
लेकिन तेज़ी से लडख़ड़ाता हुआ प्लेन amazon के उस घने जंगल के बीचो बीच जा गिरा
हालांकि प्लेन सर के बल नीचे गिरा था, लेकिन घने पेड़ो के बीच गिरने के कारण प्लेन सीधा जमीन से नहीं टकराया जिसके कारण उसमे आग नहीं लगी।
प्लेन इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ थे की पायलट और एक दूसरे यात्री की तुरंत ही मौत हो गयी थी।
ऐसी भयानक हवाई दुर्घटना में किसी के बचने की उम्मीद भी शायद नहीं की जा सकती। लेकिन शायद ऐसी असंभव बातों के होने को ही भगवान का चमत्कार कहते है।
पेड़ो के बीच लटके हुए प्लेन के मलबे से अचानक किसी छोटे बच्चे के रोने की आवाज़ आती है और देखते ही देखते वो चारो बच्चे एक एक कर प्लेन से बाहर निकलते है।
घबराए हुए बच्चे प्लेन के मलबे में फसी हुई अपनी माँ को हिला कर उसे होश में लाने की कोशिश करते है लेकिन जब बार बार हिलाने पर भी उनकी माँ होश में नहीं आती तो उन बच्चो में सबसे बड़ी बहन Lesly जो लगभग 13 साल की थी , उसे लगता है की शायद उनकी माँ अब मर चुकी है।
अपने घायल छोटे भाई बहनो को सँभालते हुए Lesly को पूरा यकीन था की जल्द की कोई बचाव दल आकर उनकी मदद करेगा। लेकिन इस इंतज़ार में सुबह से रात हो गई पर कोई उन्हें बचाने नहीं आया। दर्द और परेशानी से रोते बिलखते हुए बच्चो ने उस भयानक जंगल में एक दूसरे का हाथ पकड़ कर किसी तरह वो रात गुज़ारी।
लेकिन पूरी रात कीड़े मकोड़ो और मछरो के कारण किसी को भी नींद नहीं आयी.
अब तक इस प्लेन क्रैश को लगभग 24 घंटो का समय हो चूका था।
और तभी अचानक प्लेन के मलबे में घायल उनकी माँ को होश आ जाता है। लेकिन वो इतनी बुरी तरह से घायल थी की वो हिल भी नहीं सकती थी। ऐसी हालत में भी वो अपने बच्चो को हिम्मत से काम लेने की सलाह देती है।
खौफ के उस माहोल में रोते बिलखते हुए बच्चो को अब भूख भी लग रही थी।
बच्चो को प्लेन में कुछ खाने पीने का सामान, एक दूध की बोतल और yuca flour का एक बैग मिला था. जिसे खा कर उन बच्चो ने अपना पेट भरा
बड़ी बहन Lesly ने 11 महीने के सबसे छोटे भाई को भी दूध में yuca flour मिला कर पिलाया।
Amazon के इन जंगलो में पूरा साल बारिश होती रहती है और पूरा दिन बारिश में भीगते हुए किसी मदद का इंतज़ार करते करते दूसरा दिन भी निकल गया और फिर से उन बच्चो को एक और खौफनाक रात उस जंगल में गुज़ारनी पड़ी।
बेदम हालत में घायल माँ लगातार अपने बच्चो को हिम्मत रखने की सलाह दे रही थी। इसी तरह 4 दिन गुज़र गए और दिन पे दिन कमजोर होती जा रही उनकी घायल माँ ने भी आख़िरकार दम तोड़ दिया।
इन पिछले चार दिनों में प्लेन के पायलट और दूसरे यात्री की dead body के सड़ने के कारण उस जहग बहुत ज्यादा बदबू फ़ैल चुकी थी।
अब चुकी बच्चो की माँ भी उनका साथ छोड़ चुकी थी , इसलिए बड़ी बहन Lesly ने दुसरे बच्चो के साथ उस जग़ह को छोड़ मदद के लिए आगे बढ़ने का फैसला किया।
Amazon के इन जंगलो में दुनिया भर के खतरनाक जंगली जानवर और कीड़े मकोड़े पाए जाते है। लेकिन जैसा की हमने वीडियो की शुरुआत बताया था की ये बच्चे कोलंबिया की एक आदिवासी जाती Witoto से belong करते थे , जिसके कारण इन्हे जंगल के रहन सहन और उसमे पाए जाने वाले जंगली जानवरो और पेड़ पौधो की अच्छी खासी जानकारी थी। इसी जानकारी के कारण बड़ी बहन Lesly जंगल में बहुत ही सावधानी से सभी बच्चो को जंगली जानवरो और कीड़े मकोड़ो से बचा रही थी. बच्चे Amazonian fruit juan soco और palm tree के बीज खा कर किसी तरह अपना पेट भर रहे थे.
वही घटना के तुरंत बाद से बचाव दल लगातार प्लेन के मलबे को ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा था। लेकिन लगातार हो रही बारिश, धुंद और इतने घने जंगल के कारण rescue team के helicopter उस प्लेन को नहीं ढूंढ पाए थे।
इसी तरह 2 हफ्ते गुज़र गए और तब जाकर आख़िरकार 15 May 2023 , यानि इस क्रैश के 15 दिनों बाद बचाव दल को घनो जंगलो में उस प्लेन का मलबा मिला।
Crash site पर पहुंचने के बाद जब rescue team को बाकी dead bodies के साथ बच्चे नहीं मिले और आस पास पड़े हुए खाने पीने के सामान को देखने के बाद उन्हें यकीन हो गया की सभी बच्चे जिन्दा है।
ये जानते ही की सभी बच्चे जिन्दा है , Colombian military के साथ साथ दूसरी NGO और आस पास के local लोग बच्चो की तलाश में लग गए।
Colombian military ने खोजी helicopter , infrared sensors और satelite image के साथ साथ हर तरह की modern technolodgy को उन बच्चो की खोज में लगा दिया। भगवान के इस चमतकार को देखकर की इस खौफनाक हादसे के बाद भी बच्चे जिन्दा है, Rescue team के हर team member ने कसम खाई की अब वो बच्चो को ढूंढ़कर ही सांस लेंगे।
25 May 2023 , यानि क्रैश के 25 दिनों बाद बचाव दल को फिर से जंगलो में लकड़ी और पत्तो से बनी हुई एक टूटी फूटी झोपडी के साथ साथ एक hair band मिला जिससे ये यकीन हो गया की बच्चे अभी भी जिन्दा है और इस घने जंगल में ही भटक रहे है.
बचाव दल को अब यकीन हो गया था की वो बच्चो के काफी करीब है इसलिए अब उन्होंने अपनी खोज और भी तेज़ कर दी। बच्चो के इतने नज़दीक पहुँच कर अब वो किसी भी हालत में उन बच्चो को खोना नहीं चाहते थे। बचाव दल को ये भी अच्छी तरह अंदाज़ा था की इतने दिनों तक भूखे प्यासे जंगल में भटने के कारण अब बच्चे बहुत कमजोर हो गए होंगे और ऐसी हालत में जंगली जानवर उनके लिए सबसे बड़ा खतरा था। इसलिए इससे पहले की कोई ऐसी अनहोनी हो जिससे उन बच्चो की जान में कोई खतरा आये, खोजी दल जल्द से जल्द उन्हें ढूढ़ना चाहते थे।
लेकिन वही इन सबसे अनजान बच्चे जंगल में और अंदर बढ़ते ही जा रहे थे. अब बचाव दल किसी भी तरह बच्चो तक ये सन्देश पहुँचाना चाहते थे की वो जंगल में और अंदर ना जाए और जहाँ है वही रुक जाए , इसके लिए उन्होंने लगातार हेलीकाप्टर से जंगल में ये message लिखे हुए परचे फेकना शुरू कर दिया।
इसके साथ साथ उन्होंने loud speaker के जरिये उन बच्चो की दादी का ये सन्देश भी जंगल में बजाना शुरू कर दिया की वो जहाँ है वही रुक जाए और जंगल में और अंदर ना जाए।
और आखिर कार 150 military जवान और 200 से ज्यादा volunteers की दिन रात मेहनत के कारण , 40 दिनों के बाद उन बच्चो को सही सलामत खोज लिया गया।
इस खबर को सुनते ही बच्चो के परिवार वालो के साथ साथ पूरी दुनिया में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।
इतने भयानक प्लेन क्रैश में बचना , और फिर ऐसे खतरनाक जंगल में 40 दिनों तक भूखे प्यासे भटकने के बाद भी इन सभी मासूम बच्चो का जिन्दा मिलना, भगवान का ऐसा चमत्कार ही है जिसे समझना हम इंसानो के बस की बात नहीं हो सकती।
Colombia के president Gustavo Petro Urrego ने भी इसे भगवान का चमत्कार मानते हुए उन बच्चो की बहादुरी और जिन्दा रहने की will power की भरपूर सराहना करते हुए उन बच्चो को दुनिया भर के लिए शांति का प्रतिक कहा।
आखिकार ये प्लेन क्रैश क्यों हुआ इसकी अभी कोई official रिपोर्ट नहीं आयी है। लेकिन जैसा की हमने वीडियो की शुरुआत में ही बताया था के ये Cessna प्लेन एक single इंजन छोटा प्लेन था. और अगर प्लेन के उस एकलौते इंजन में किसी भी तरह की कोई तकनिकी खराबी आ जाए तो उसमे backup के लिए कोई दूसरा सहारा नहीं बचता। आप और हम लोग normally जिस तरह के प्लेन में सफर करते है उनमे 2 या 4 इंजिन्स लगे होते है। और अगर किसी कारन से हवा में कोई एक इंजन ख़राब भी हो जाए तो बाकी बचे हुए इंजन से भी प्लेन को आसानी से उड़ा कर सुरक्षित land करवाया जा सकता है।
अब सवाल ये आता है की इस प्लेन का मलबा ढूढ़ने में भी 2 हफ्ते क्यों लग गए। इसका सबसे बड़ा कारण ये था की प्लेन में satelite GPS monitoring system नहीं था , इसलिए उस प्लेन की exact क्रैश location का पता लगाना बहुत मुश्किल था। इसके साथ साथ amazon के जंगल इतने घने है की कई हिस्सों में तो सूरज की रौशनी भी नहीं पहुँचती। ऐसे घने जंगल में घने पेड़ो के बीच क्रैश हुए उस छोटे से प्लेन को ढूंढ पाना helicopter के लिए भी आसान नहीं था।
और 40 दिनों तक ऐसे खतरनाक जंगल में वो छोटे छोटे बच्चे जिन्दा कैसे रहे? इसका सबसे बड़ा कारण यही था की वो बच्चे वहां के लोकल आदिवासी जाती Witoto से belong करते थे, जिस वजह से उन्हें जंगल के पेड़ो और जंगली फलो की अच्छी जानकारी थी. उन्हें खा कर ही वो 40 दिनों तक अपना पेट भरते रहे। Amazon के इन जंगलो में हर रोज़ लगभग 16 घंटे बारिश होती है इसलिए पीने के पानी की कोई कमी नहीं थी। ये बच्चे बचपन से ही nature से जुड़े हुए और उसी knowledge के कारण ये ऐसे मुश्किल हालत का सामना कर पाए.
इस घटना से शायद हम सबको भी बहुत बड़ी सीख लेनी चाहिए और बचपन से ही बच्चो को physically active और basic life saving skills जैसे की swimming और पेड़ पोदो की जानकारी सिखानी चाहिए। लेकिन शायद internet और mobile के कारण हमारे बच्चे इन सबसे दूर होते जा रहे है।
आप लोग इस बारे में क्या सोचते है और कैसे हम अपने बच्चो को ये life saving skills सीखा सकते है , कृपया अपने सुझाव कमेंट में जरूर शेयर करे।