Canada एयरपोर्ट पर भयानक हादसा | Air France Flight 358 Crash In Toronto  | Airbus A340 Crash

CASE STUDY

2 August 2005,

एयर फ़्रांस की फ्लाइट नंबर 358 फ्रांस के पैरिस शहर से उड़ कर कनाडा के टोरंटो जाने वाली एक रेगुलर फ्लाइट थी

इस उड़ान के लिए उस दिन लगभग 6 साल पुराने  एयरबस A 340 सीरीज प्लेन का इस्तेमाल किया जा रहा था

इस विमान ने अपनी पहली उड़ान august 1999 में भरी थी , जिसके बाद september 1999 में यह  प्लेन एयर फ्रांस को दिया गया था।

उस दिन फ्लाइट का नेतृत्व 57 वर्षीय कप्तान Alain R कर रहे थे जिनके पास 15000 घंटो का कुशल फ्लाइंग अनुभव था

फ्लाइट में co -pilot के तोर पर first officer Frederic N कप्तान का साथ दे रहे थे. Co Pilot Frederic N के पास भी 4500 घंटे का कुशल अनुभव था।

कॉकपिट में दोनों पायलट के साथ Miles T नाम का एक बच्चा भी फ्री में सफर कर रहा था जो Airfrance के एक employee का बेटा था

उस दिन फ्लाइट में 297 पैसेंजर्स के साथ 12 क्रू मेंबर्स सवार थे। 

फ्लाइट में सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा था और पैसेंजर्स फ्लाइट की जलपान और अन्य मनोरंजन सुविधाओं का आनंद ले रहे थे।

धीरे धीरे फ्लाइट अब टोरंटो एयरपोर्ट पर लैंड करने की त्यारी शुरू करती है।

लेकिंन टोरंटो एयरपोर्ट पर अचानक से मौसम के हालात बहुत ख़राब हो गए।  तेज़ हवाओ के साथ अचानक से बारिस और तूफ़ान ने पुरे इलाके को अपने आगोश में ले लिया। मौसम अचानक से इतना ख़राब हो गया की एयरपोर्ट अथॉरिटीज ने एयरपोर्ट पर RED warning जारी कर दी , जिसके मद्देनज़र सभी ग्राउंड स्टाफ को प्लेन के पास कोई भी काम करने से मना कर दिया गया ताकि आसमानी बिजली से किसी तरह की जान माल की हानि ना हो।

इस ख़राब मौसम के कारण टोरंटो एयरपोर्ट आने और जाने वाली लगभग 540 फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया गया।

बहुत सारे छोटे और मध्यम साइज की फ्लाइट्स को डाइवर्ट करके  Ottawa और Winnipeg एयरपोर्ट पर भेज दिया गया. वही बड़े साइज की फ्लाइट्स को डाइवर्ट करके मोंट्रियल और न्यूयोर्क एयरपोर्ट पर लैंड करने के लिए कहा गया।  इसके अलावा बहुत सारी  फ्लाइट्स  की लैंडिंग कैंसिल करके उन्हें वापिस Vancouver एयरपोर्ट भेज दिया गया।

धीरे धीरे Flight 358 toronto एयरस्पेस में दाखिल होती है और लैंडिंग के लिए एयरपोर्ट ATC टावर की परमिशन का wait करती है। 

इसके बाद normal प्रोसेस के अनुसार फ्लाइट्स के पायलट्स को ATIS मैसेज recieve होता है।  ATC टावर से दिए जाने वाले ATIS message के द्वारा पायलट को एयरपोर्ट के मौसम और हवा की दिशा एवम speed की जानकारी दी जाती है.

आमतोर पर इसी जानकारी का इस्तेंमाल करके  पायलट प्लेन की लैंडिंग स्पीड और फ्लैप पोजीशन को निर्धार्रित करते है ताकि प्लेन को सुरक्षित लैंड करवाया जा सके।

अब चूंकि ATIS मैसेज के अनुसार टोरंटो एयरपोर्ट पर weather बहुत ही ख़राब था इसलिए ATC कंट्रोलर Flight 358 को कुछ देर और इंतज़ार करने के लिए होल्डिंग पैटर्न में फ्लाई करने के लिए कहता है।

कुछ देर इंतज़ार करने के बाद आखिरकार ATC कंट्रोलर  Flight 358 को रनवे 24L पर लैंड करने की इज़ाज़त देता है। धीरे धीरे अपनी हाइट कम करते हुए फ्लाइट 358 रनवे की तरफ बढ़ने लगती है

यहाँ से first officer Frederic N फ्लॉइट का कण्ट्रोल अपने हाथ में ले लेते है और बहुत ही सावदानी से धीरे धीरे प्लेन को एयरपोर्ट रनवे की तरफ लाते है। 

तेज़ बारिस , तूफ़ान और तेज़ हवाओं के बीच से प्लेन डगमगाते हुए रनवे की तरफ बढ़ रहा था और प्लेन में बैढे हुए सभी यात्री फ्लाइट के सकुशल लैंड करने की प्रार्थना करने लगते है।

तेज़ तूफ़ान और बारिस के बीच हवा में हिचकोले खाते हुए प्लेन में बैठे हुए यात्रिओं पर क्या गुज़रती है इसका अंदाज़ा भी लगाना शायद बहुत मुश्किल है

ख़राब मौसम और तेज़ हवाओं से गुज़रता हुआ प्लेन किसी तरह से रनवे के पास पहुँचता है।  फर्स्ट ऑफिसर लैंडिंग की तयारी करते हुए फ्लैप पोजीशन को सेट करता है और लैंडिंग गियर्स को डाउन कर देता है

प्लेन अब रनवे से कुछ ही क्षणों की दूरी पर है और तभी प्लेन को पूरी तरह से मैन्युअल कण्ट्रोल में लेने के लिए  first officer auto landing और auto throttle मोड को ऑफ कर देता है।

रनवे के बिलकुल सामने पहुँच कर पायलट आखिरी बार ATC से लैंडिंग की अनुमति मांगते है। ATC कंट्रोलर पायलट को रनवे 24L पर लैंडिंग की clerance तो दे देते है लेकिन इसके साथ साथ वो पायलट्स को वार्निंग भी देते है की दूसरी फ्लाइट्स के पायलट्स ने कहा है की रनवे पर हवा बहुत तेज़ है जिसके कारण लैंडिंग के बाद प्लेन को रनवे पर रोकना बहुत ही मुश्किल है , इसलिए वो काफी सावधानी बरते।

तूफ़ान में डगमगाता हुआ प्लेन तेज़ी से रनवे की तरफ नीचे आने लगता है।  first अफसर अपनी पूरी ताक़त लगाते हुए प्लेन को लैंड करने की कोशिश करता है लेकिन सामने से आ रही तेज़ हवा के कारण प्लेन के टायर अभी भी रनवे को टच नहीं कर पा रहे थे। 

तेज़ी से रनवे  को खत्म होता देख कप्तान first officer से प्लेन को जल्दी से लैंड करने के लिए कहता है.

अब तक आधे से ज्यादा रनवे खत्म हो चूका था. कप्तान फिर से चिल्लाता है कि प्लेन को लैंड करो। 

और आख़िरकार गीले रनवे पर रगड़ खाते हुए प्लेन के टायर रनवे को टच करते है।

तेज़ स्पीड से प्लेन रनवे पर दौड़ने लगता है।

तेज़ तूफ़ान के बीच हवा में लहराता हुआ प्लेन रनवे  पर लैंड तो हो गया, लेकिन 160km  कि स्पीड से  प्लेन अभी भी रनवे पर दौड़ रहा था. रनवे ख़तम होने वाला था और प्लेन रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।

इतने ख़राब मौसम और रनवे पर इतनी आगे आ कर लैंड करने की टेंशन में पायलट सही समय पर इमरजेंसी ब्रेक भी नहीं लगा पाए। तेज़ी से  दौड़ता हुआ प्लेन देखते ही देखते रनवे की बॉउंड्री को तोड़ता हुआ एयरपोर्ट के सामने बनी खाई में गिर जाता है।

खाई में गिरते ही प्लेन के विंग्स से लीक होते हुए फ्यूल में आग लग जाती है।  प्लेन के रुकते ही केबिन क्रू जैसे ही अपने होश सँभालते है वो तुरंत ही  प्लेन का इमरजेंसी दरवाज़ा खोल कर  पैसेंजर्स को प्लेन से बाहर निकलना शुरू कर देते है

बदकिस्मती से प्लेन के इमरजेंसी दरवाज़े में लगे स्लाइड खुल नहीं पाते और बहुत सारे पैसेंजर्स को दरवाज़े से ही छलांग लगा कर अपनी जान बचानी पड़ती है।

केबिन क्रू की मुस्तैदी और अपने काम के प्रति जिम्मेदारी के कारण सभी पैसेंजर सही सलामत प्लेन से बाहर निकल जाते है।

तब तक एयरपोर्ट के इमरजेंसी वाहन भी क्रैश साइट पर पहुँच कर तेज़ी से राहत और बचाव कार्य शुरू कर देते है

प्लेन जिस खाई में क्रैश हुआ, वो एक higway के किनारे बनी हुई थी. जिस कारण कई घायल पैसेंजर्स और प्लेन की पायलट higway पर आ गए।  ये देख कर highway पर लोगो ने अपनी कार में ही घायल लोगो को जल्दी से हॉस्पिटल पहुंचा दिया और सही समय पर इलाज़ मिलने से घायल लोगो की जान बच गयी।

प्लेन में सवार सभी 297 पैसेंजर्स और 12 केबिन क्रू मेंबर्स को इस खतरनाक हादसे में जिन्दा बचा लिया गया।  ये किसी चमत्कार से कम नहीं था की इतने खतरनाक हादसे में किसि भी यात्री या केबिन क्रू की जान नहीं गयी।

घटना के तुरंत बाद flight data recorder और cockpit voice recorder को बरामद कर जांच के लिए फ्रांस भेज दिया गया।

प्रारंभिक जांच में इस हादसे का मुख्य कारण प्लेन का रनवे लैंडिंग पॉइंट से 1200 मीटर आगे जा कर लैंड करना पाया गया।  रनवे पर इतनी आगे जा कर लैंड करने के कारण प्लेन को सही समय पर रोका नहीं जा सका , जिस कारण से प्लेन एयरपोर्ट की बॉउंड्री को तोड़ता हुआ खाई में क्रैश हो गया।

एक अफवाह ये भी थी की लैंड करने के बाद पायलट ने रिवर्स ब्रेक लगाने में 12 सेकण्ड्स की देरी की जिस कारण से भी प्लेन के रुकने में देरी हुई। हालाँकि इस बात की ऑफिसियल रिपोर्ट में कोई पुस्टि नहीं की गयी।

कारण जो भी हो, लेकिन एविएशन history में ये किसि चमत्कार से काम नहीं था की इतने भयानक हादसे और प्लेन में आग लगने के बावजूद भी सभी लोगो को जिन्दा बचा लिया गया। 

 

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