आसमान में अचानक खुल गया प्लेन का दरवाज़ा | United Airlines Flight811

INTRODUCTION

यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 811, San Francisco से Honolulu जा रही एक सामान्य उड़ान थी

यात्री अपनी सीटों पर आराम से बैठे हुए  थे. फ्लाइट अटेंडेंट्स विमान में खाने और जलपान की व्यवस्था कर रहे थे।

लेकिन कैसे एक सामान्य  उड़ान एक दुखद हादसे में बदल गयी.

उड़ान के कुछ ही मिनट बाद विमान में हुए एक तेज़ धमाके से आसमान गूंज उठा। अपने पैरो के नीचे खुला आसमान देख यात्रिओं के साथ साथ केबिन क्रू की भी जान निकल गयी।

सबकी आखों के सामने  एक एक कर 9 पैसेंजर विमान से बाहर खींचे चले गए

तेज़ी से बेकाबू होते विमान को कण्ट्रोल करने के लिए पायलट जी जान से कोशिश कर रहे थे। 

क्या विमान पर कोई आतंकी हमला या बोम्ब ब्लास्ट हुआ था।  क्या पायलट इस विमान को सही सलामत उतार पाए? 

अमेरिकी इतिहास के इस सबसे अजीब और खतरनाक हादसे के बारे में जानने के लिए बने रहिये हमारे साथ

CASE STUDY

24 February 1989, हवाई का Honolulu international airport .

रात के लगभग 12  बजकर 40  मिनट पर, यूनाइटेड एयरलाइन की फ्लाइट 811 ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर जाने की तयारी कर रही थी।  अपनी उड़ान के दौरान इस फ्लाइट को रास्ते में new zeland के aukland शहर में रुकना था।

Boeing 747 -122 का ये विमान 3 नवंबर 1970 को यूनाइटेड एयरलाइन को दिया गया था।

अपनी 18 साल की सर्विस में  इस विमान ने अब तक  कुल मिला कर 58814 हवाई घंटो की यात्रा पूरी की थी और इससे पहले ये विमान किसी भी तरह की दुर्घटना का शिकार नहीं हुआ था।

अपनी इस उड़ान से कुछ देर पहले ही  ये विमान  Los Angeles से उड़ कर Honolulu आया था. अपनी उस उड़ान के दौरान प्लेन में किसी भी तरह की कोई खराबी नहीं थी और Honolulu एयरपोर्ट से  अगली उड़ान के लिए इस प्लेन में नए पायलट और केबिन क्रू को नियुक्त किया गया था।

यहाँ से विमान की जिम्मेदारी 59 वर्षीय कप्तान David Cronin को दी गयी थी. David Cronin एक बहुत ही अनुभवी पायलट थे, जिन्होंने अब तक 28000 घंटो की फ्लाइट पूरी की थी। इस तरह के Boeing 747 विमान को उड़ाने के लिए भी  कप्तान के पास 1600 घंटो का ख़ास अनुभव था।

उस दिन फ्लाइट में कप्तान के साथ 48 वर्षीय co -pilot Gregory Allen Slader और 46 वर्षीय फ्लाइट इंजीनियर रान्डल थॉमस भी सवार थे।  इस उड़ान के लिए फ्लाइट में 15 क्रू मेंबर्स भी सवार थे।

कुल मिला कर उस दिन फ्लाइट में 18 क्रू मेंबर्स के साथ 337 पैसेंजर्स सवार थे।

अपने निर्धारित वक़्त से लगभग 3  मिनट लेट , सुबह के लगभग 1 बजकर 30 मिनट पर  फ्लाइट 811 ने बोर्डिंग गेट से exit प्रोसेस को शुरू किया

एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार ये देरी विमान के exit  door 5L में लगी हुई emergency slide को लॉक करने के कारण हुई।  इसके साथ साथ प्लेन में कुछ नए पैसेंजर्स के सवार होने के कारण भी बोर्डिंग प्रोसेस में कुछ देरी हुई। 

पैसेंजर केबिन और कार्गो एरिया के सभी doors के अच्छी तरह बंद होने के बाद जब सभी door warning लाइट्स बंद हो गई तो एक एक कर पायलट्स ने सभी चारो इंजन को स्टार्ट किया।

रोल ऑफ process को पूरा कर टैक्सीवे से होता हुआ प्लेन धीरे धीरे रनवे पर पहुँचता है। 

रनवे 8R पर पहुँचने के बाद सुबह के 1 बजकर 52 मिनट पर फ्लाइट 811 Honolulu international airport से takeoff करती है। टेकऑफ के लिए उस दिन कप्तान फ्लाइट को कण्ट्रोल कर रहे थे और  फर्स्ट अफसर सभी कण्ट्रोल पैनल्स और systems को monitor कर रहे थे। 

टेकऑफ करने के कुछ देर बाद ही अपने नार्मल प्रोसेस के अनुसार climbing thurst पावर को कण्ट्रोल करने के लिए प्लेन के Auxiliary Power Unit को बंद कर दिया गया।

Auxiliary Power Unit जिसे शार्ट में APU भी कहा जाता है आमतौर पर प्लेन के इलेक्ट्रिक systems को पावर सप्लाई करता है। 

फ्लाइट क्रू के अनुसार टेकऑफ और climb के दौरान फ्लाइट में सब कुछ नार्मल तरीके से चल रहा था और कॉकपिट  में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी या वार्निंग लाइट्स दिखाई नहीं दे रही थी

हालांकि प्लेन में लगे weather radar सिस्टम पर पायलट को कुछ हलके फुल्के thunder strom की जानकारी मिल रही थी जो इस फ्लाइंग रूट पर एक सामान्य बात थी। लेकिन फिर भी जैसा हर एयरलाइन आमतौर पर करती है , पायलट किसी भी तरह के खतरे से बचने के लिए प्लेन का रास्ता बदल कर thunder strom के बाहर से प्लेन को ले जाते है।  लेकिन फिर भी आस पास मौसम ख़राब होने के कारण प्लेन में हलके फुल्के turbulance के झटके महसूस हो रहे थे जिसके कारण कप्तान ने सभी पैसेंजर्स को सीट बेल्ट लगाए रखने के निर्देश दिए थे।

और टेकऑफ के लगभग 17 मिनट बाद , जब प्लेन 22000 और 23000 फ़ीट के बीच उड़ान भर रहा था , तभी  अचानक एक धमाके की आवाज़ सुनाई देती है और एक बड़े  झटके के साथ प्लेन तेज़ी से हिलने लगता है।

असल में ये प्लेन के सामने के हिस्से में लगे कार्गो door के टूटने का धमाका था।  

कार्गो door इतनी तेज़ी के साथ टूटा की अपने साथ साथ उसने पैसेंजर केबिन के एक बहुत बड़े हिस्से को ही उखाड़ फेखा , जिसके कारण पैसेंजर केबिन के दाए हिस्से में एक बहुत बड़ा छेद हो गया।

कार्गो door इतनी तेज़ी के साथ टूटा की अपने साथ साथ उसने पैसेंजर केबिन के एक बहुत बड़े हिस्से को ही उखाड़ फेखा , जिसके कारण पैसेंजर केबिन के दाए हिस्से में एक बहुत बड़ा छेद हो गया।

23000 फ़ीट की उचाई पर हवा के तेज़ दबाव की कारण row number G और H के बीच की लगभग 10 सीटे उखड कर प्लेन से बाहर जा गिरी।  और इसके साथ साथ उन सीटों पर बैठे हुए 9 पैसेंजर भी आसमान में ही खो गए।  अपनी आखों के सामने ही अपने सहयात्रिओं को मौत के मुँह में जाते हुए देख कर सभी पैसेंजर की जान हलक में आ गई।  ना जाने मौत कब उन्हें भी अपने आगोश में ले ले , ये सोच सभी पैसेंजर्स भगवान को याद करने लगे।

उस वक़्त business class में काम कर रही एक airhostess Mae Sapolu ने बड़ी ही मुश्किल से एक सीट को पकड़ कर अपने आप को प्लेन से बाहर खींचे जाने से बचाया।  केबिन में हुए इस छेद के कारण अचानक हुए decompression के कारण एक दूसरी फ्लाइट attendant Laura Brentingler भी बड़ी मुश्किल से फ्लाइट deck की सीडीओं को पकड़ कर अपने आप को बचा पाई।

रात के अँधेरे में 23000 फ़ीट की उचाई पर उस वक़्त प्लेन में सफर कर रहे सभी यात्रिओं और क्रू मेंबर्स के लिए ये मंजर कितना भयानक होगा इसका शायद हम अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते।

वही कॉकपिट में अपने होश सँभालते हुए पायलट ने अपने अपने ऑक्सीजन मास्क लगा लिए ताकि वो ऑक्सीजन मास्क के सहारे सांस ले कर प्लेन को कण्ट्रोल कर सके।

लेकिन उस धमाके के कारण प्लेन में लगे हुए इमरजेंसी ऑक्सीजन यूनिट का एक बहुत बड़ा हिस्सा ही टूट कर प्लेन से अलग हो गया था जिसके कारण अब पायलट को ऑक्सीजन मास्क से भी कोई मदद नहीं मिल रही थी।

ये सब देखते हुए पायलट तुरंत ही बड़ी तेज़ी के साथ प्लेन की हाइट को कम करते हुए उसे नीचे लाने लगे , ताकि कम उचाई पर बिना ऑक्सीजन मास्क के भी सांस लिया जा सके। इसके साथ उन्होंने प्लेन को तेज़ी से 180 डिग्री के एंगल में मोड़ कर तुरंत ही वापस Honolulu एयरपोर्ट की तरफ मोड़ दिया।

पायलट को लगा की हो ना हो प्लेन में बोम्ब ब्लास्ट ही हुआ है क्योंकि कुछ दिनों पहले PAN AM की फ्लाइट 103 में भी स्कॉटलैंड के ऊपर से उड़ान भरते हुए बोम्ब ब्लास्ट हुआ था।  ये सोच कर पायलट की जान भी हलक में आ गयी और उन्हें लगा की अब उनका बचना ना मुमकिन है।

लेकिन बड़ी ही बहादुरी के साथ दोनों पायलट अभी भी पूरी जी जान के साथ प्लेन और उसमे बैढे हुए सभी लोगो की जान बचाने के लिए हिमत से प्लेन को कण्ट्रोल कर रहे थे।  ऐसे हालात में किसी भी इंसान का हिम्मत हार जाना  मुमकिन है लेकिन ये पायलट की बहादुरी और ट्रेनिंग का ही नतीजा था की मौत को सामने देख कर भी वो अपने फ़र्ज़ को निभा रहे थे.

पायलट ने तुरंत की ATC टावर को contact कर उन्हें प्लेन में हुए बोम्ब धमाके की जानकारी दी और MAYDAY का announcement कर दिया।  आमतोर पर पायलट उसी हालात में MAYDAY की announcement करता है जब प्लेन किसी बहुत बड़ी दुर्घटना का शिकार होता है  और उसका बचना काफी मुश्किल होता है.

प्लेन में आयी इस emergency को जानते ही ATC तुरंत ही पायलट को honululu एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग के परमिशन दे देता है। ATC जब पायलट से प्लेन की मौजूदा हाइट के बारे में पूछता है तो पायलट कहते है की उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है और प्लेन तेज़ी से नीचे आ रहा है , शायद प्लेन का इंजन no 3 fail हो चूका है।

असल में कार्गो door में हुए तेज़ धमाके की वजह से प्लेन के कुछ टुकड़े engine नंबर 3 और 4 में जा कर टकरा गए थे जिसके कारण इंजन को बहुत नुकसान हुआ था और वो मुश्किल से प्लेन को पावर दे पा रहे थे।

अब एक एक कर कॉकपिट में भी बहुत सारे वार्निंग अलार्म बजने लगे थे , जिसने पायलट्स की परेशानी को और बड़ा दिया था। कप्तान तुरंत ही इन सभी वार्निंग अलार्म को बंद कर देते है ताकि वो पूरा ध्यान प्लेन को किसी भी तरह लैंड करने में लगा सके।

प्लेन अभी भी तेज़ी के साथ दाई तरफ झुक रहा था , जिसे देखते हुए फर्स्ट अफसर तुरंत ही ATC को इसकी जानकारी देता है और प्लेन के Radar Becon Transponder में 7700 का इमरजेंसी transmitter मैसेज रिकॉर्ड कर दिया। इस मैसेज का मतलब आसपास उड़ रहे सभी एयरप्लेन और एयरपोर्ट को ये बताना होता है की प्लेन में कोई बहुत बड़ी इमरजेंसी आयी है इसलिए वो सब ध्यान रखे और प्लेन के आस पास फ्लाइंग एरिया को clear रखे ताकि प्लेन इमरजेंसी में लैंड कर सके।

कप्तान प्लेन के फ्यूल को dump करना शुरू कर देते है ताकि प्लेन के वजन को कम किया जा सके और प्लेन को आसानी से लैंड करवाया जा सके।

बहुत ही सावधानी से दोनों पायलट धीरे धीरे प्लेन को honululu एयरपोर्ट की तरफ ला रहे थे।

प्लेन के थोड़ा से कण्ट्रोल में आने के बाद कप्तान फ्लाइट इंजीनियर Randal Thomas  को निर्देश देते है की वो केबिन क्रू को लैंडिंग के लिए तैयार रहने को कहे।

फ्लाइट इंजीनियर Randal तुरंत ही intercom की मदद से केबिन क्रू को call करते है लेकिन हवा की तेज़ आवाज़ के कारण उन्हें कुछ भी सुनाई नहीं देता।  इसके बाद फ्लाइट इंजीनियर Randal खुद ही पैसेंजर केबिन में जा कर कैबिन क्रू से बात करने का निर्णय लेते है।

लेकिन जैसे ही वो कॉकपिट से बाहर आते है तो पैसेंजर केबिन का नज़ारा देखते ही उनके होश उड़ जाते है।  पैसेंजर केबिन का एक बहुत बड़ा हिस्सा ही गायब था और पूरे केबिन में तेज़ हवाएं चल रही थी। 

फ्लाइट इंजीनियर Randal तुरंत ही कॉकपिट में वापस आ कर कप्तान को इसकी जानकारी देते है।  उन्हें भी यही लगता है की ऐसा छेद किसी बोम्ब धमाके की वजह से ही हो सकता है।

इसके तुरंत बाद कप्तान ATC को कॉल करके प्लेन में हुए बोम्ब ब्लास्ट और प्लेन के एक बड़े हिस्से के ग़ायब होने की जानकारी देता है और उन्हें एयरपोर्ट पर इमरजेंसी सर्विसेज को तैयार रखने के लिए कहता है।

अब इंजन नंबर 4 से आग की लपटे निकलने लगती है जिसके बाद कप्तान इंजन उस इंजन को बंद कर देते है

ATC कप्तान को  4000 फ़ीट की उचाई पर उड़ते रहने की सलाह  देते है, जिसके बाद कप्तान उन्हें बताता है की उनके 2 engines fail हो चुके है और वो अब बचे हुए बाकी 2 engines के सहारे ही उड़ रहे है।

बहुत ही सावधानी से स्पीड को कण्ट्रोल करते हुए पायलट अब प्लेन को   honululu एयरपोर्ट के रनवे के पास ले आते है और लैंडिंग गियर open कर देते है।

जैसे ही कप्तान लैंडिंग के लिए प्लेन की स्पीड को कण्ट्रोल करने के लिए फ्लैप का इस्तेमाल करने की कोशिश करते है तो उन्हें पता चलता है की flaps सही तरीके से काम नहीं कर रहे है और प्लेन की स्पीड अभी भी बहुत ज्यादा है।

अब चुकी flaps सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे, इसलिए प्लेन अभी भी 200 knots की स्पीड से उड़ रहा था , जो लैंडिंग के लिए बहुत खतरनाक स्पीड  थी.

लेकिन ऐसे हालात में अब कप्तान के पास दूसरा कोई चारा नहीं था.

हवा में ब्लास्ट होने के लगभग 14 मिनट बाद , प्लेन आख़िरकार honululu एयरपोर्ट के रनवे पर लैंड करता है। 

तेज़ी से डोलते हुए प्लेन के टायर रनवे को टच करते है और प्लेन तेज़ी से रनवे पर दौड़ने लगता है।

इतनी तेज़ स्पीड पर लैंड करने के कारण प्लेन कभी भी रनवे से बाहर जा कर क्रैश हो सकता था।  लेकिन अपनी सूझ भुज से पायलट्स  आख़िरकार प्लेन को रनवे खत्म होने से पहले ही रोक लेते है।  पैसेंजर्स के साथ साथ पुरे केबिन क्रू को अपनी किस्मत पर यकीन नहीं होता।  प्लेन के रुकते ही केबिन क्रू तुरंत ही सभी यात्रिओं को प्लेन से बाहर निकालना शुरू कर देते है

कैबिन क्रू की मुस्तैदी से सभी पैसेंजर और क्रू मेंबर्स सिर्फ 45 seconds से भी कम समय में प्लेन से बाहर आ जाते है

और अपने फ़र्ज़ को इतनी जिम्मेदारी से निभाते हुए सभी क्रू मेंबर्स को इस हादसे में गंभीर चोटे आती है लेकिन फिर भी वो पैसेंजर्स की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश करते है।

दुर्भाग्यवस  प्लेन से गिरे 9 यात्रिओं का काफी खोजबीन के बाद भी कोई पता नहीं चलता और समुन्दर की गहराईओं में ही वो हमेशा के लिए सो जाते है।

NTSB की फाइनल रिपोर्ट के अनुसार  प्लेन के कार्गो door का अचानक से खुल जाना ही इस हादसे का कारण  था।

प्लेन की इलेक्ट्रिक wiring में आयी खराबी और cargo door के कुछ गलत design के कारण ही ये दुखद हादसा हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रिक वायरिंग में हुए एक शार्ट सर्किट के कारण cargo door का locking latch system सही से lock नहीं हुआ।  और 23000 फ़ीट की उचाई पर हवा के तेज़ दबाव के कारण cargo door एक झटके से टूट कर प्लेन से अलग हो गया।  कार्गो door इतनी तेज़ी के साथ टूटा की प्लेन के पैसेंजर केबिन का एक बड़ा हिस्सा भी उसके साथ साथ प्लेन से टूट कर अलग हो गया।

ऐसा हादसा दोबारा न हो , इसलिए अपनी जांच के बाद  NTSB ने सभी Boeing 747 100S सीरीज के विमानों के cargo door को बदलने का निर्देश दे दिया।

अपनी बहादुरी और फ़र्ज़ के प्रति जिम्मेदारी के कारण 1989 में सभी क्रू मेंबर्स को Secretary अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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