प्लेन में सवार थे 300 पैसेंजर्स | Boeing 777 Crash in Dubai | Dubai Plane Crash Landing
by user · December 12, 2022
INTRODUCTION OF EMIRATES PLANE CRASH
दुबई एयरपोर्ट , जिसकी चकाचौंद के आगे बड़े बड़े शेहरो की रौनक फीकी पड़ जाती है। चारो तरफ जगमगाती लाइट्स , बड़े बड़े शोरूम और इंटरनेशनल रेस्टोरेंट्स।
जरा सोचिये इसी एयरपोर्ट पर, कॉफ़ी के मजे लेते हुए आप अपनी अगली फ्लाइट का इंतज़ार कर रहे है। तभी अचानक आपकी नज़र भारी भरकम Emirates Boeing 777 प्लेन को चिंगारी उगलते हुए रनवे पर फिसलते हुए देखती है। देख़ते ही देख़ते प्लेन रनवे के एक कोने से टकरा कर रुक जाता है और धु धु कर जलने लगता है। चारो तरफ से फायर fighters की गाड़ियां प्लेन की तरफ दौड़ती है।
ऐसा मंजर जिसे देख़ते ही कलेजा मुँह को आ जाए। सोचने में ये किसी action मूवी के खौफनाक scene की तरह लग रहा है। लेकिन 3 August 2016 को दुबई एयरपोर्ट पर ये भयानक हादसा सच में हुआ था। Emirates Airline के इतिहास में ये पहली बार हुआ था की पूरा प्लेन ही जल कर राख हो गया। इस प्लेन में बैठे यात्रिओं का क्या हुआ ? क्या इस खोफनाक हादसे में कोई जिन्दा बच पाया ? आइये जानते है इन्ही सब सवालों के जवाब!
Case Study of Emirates Plane Crash
3 August 2016, इंडिया का Trivandrum International Airport. Emirates Airlines की फ्लाइट number 521 Trivandrum से उड़ान भर कर दुबई जाने की तैयारी कर रही थी
लगभग 13 साल पुराना, Boeing 777-300 series का ये प्लेन 28 March 2003 को Emirates Airlines में शामिल किया गया था। इस उड़ान से पहले भी ये प्लेन 13000 से भी ज्यादा सकुशल उड़ान भर चूका था.
282 यात्रिओं के साथ उस दिन प्लेन में 18 crew members सवार थे। उस दिन फ्लाइट का नेतृत्व करने वाले कप्तान 34 वर्षीय UAE नागरिक थे , जिनकी पहचान किसी कारण से उजागर नहीं की गयी थी । कप्तान ने 2001 में Emirates airline को ज्वाइन किया था , और उनके पास 7,457 घंटे का फ्लाइंग experience था। कप्तान के साथ फ्लाइट में 37 वरसिये co -pilot Jeremy Webb थे। Australian नागरिक co -pilot Jeremy Webb ने 2014 में Emirates airline को ज्वाइन किया था , और उनके पास भी 7,957 घंटे का कुशल फ्लाइंग experience था।
सभी यात्रिओं और केबिन क्रू के प्लेन में सवार होने के बाद , कप्तान ग्राउंड स्टाफ को pushback का निर्देश देते है। धीरे धीरे टैक्सी वे से होते हुए प्लेन लगभग 10 बजकर 30 मिनट पर रनवे पर पहुँचता है। किन्ही कारणों से उस दिन flight अपने निर्धारित समय से 29 मिनट की देरी से चल रही थी। ATC tower से परमिशन मिलने के बाद लगभग 10 बजकर 34 मिनट पर फ्लाइट Trivandrum एयरपोर्ट से takeoff करती है
कुछ ही देर में अपने निर्धारित फ्लाइट path और direction को फॉलो करते हुए प्लेन लगभग 33000 फ़ीट की उचाई पर पहुँच जाता है और केबिन क्रू फ्लाइट में जलपान और drinks की सेवाए शुरू कर देते है। सब कुछ नार्मल तरीके से चल रहा था. Drinks और खाने के साथ साथ पैसेंजर फ्लाइट में दूसरी मनोरंजन सेवाओं का आनंद ले रहे थे।
दोपहर के लगभग 12 बजे प्लेन जब दुबई एयरस्पेस में दाखिल होता है तो normal प्रोसेस के अनुसार पायलट्स को ATIS मैसेज recieve होता है। ATC टावर से दिए जाने वाले ATIS message के द्वारा पायलट को एयरपोर्ट के मौसम और हवा की दिशा एवम speed की जानकारी दी जाती है.
इसी जानकारी का इस्तेंमाल करके पायलट प्लेन की लैंडिंग स्पीड और फ्लैप पोजीशन को निर्धार्रित करते है ताकि प्लेन को सुरक्षित लैंड करवाया जा सके। Emirates फ्लाइट अब धीरे धीरे एयरपोर्ट की तरफ बढ़ रही थी नार्मल लैंडिंग प्रोसेस को फॉलो करते हुए पायलट प्लेन के लैंडिंग गियर डाउन कर देते है
ATIS message की information के आधार पर पायलट प्लेन को flap 30 की settings पर लैंड करने का decision लेते है और प्लेन की स्पीड को 152 knots पर fix कर देते है ATC controller, emirates फ्लाइट के पायलट्स को Area Navigation Approach को फॉलो करते हुए runway 12L पर लैंड करने का निर्देश देता है।
152 knots की स्पीड से रनवे की तरफ बढ़ते हुए जब पायलट लैंड करने के लिए प्लेन को 1100 फ़ीट की height पर लाता है तो तभी अचानक एयरपोर्ट पर हवा की दिशा बदल जाती है। 8 कनोट्स की स्पीड से प्लेन के सामने से आने वाली हवा अब अपनी दिशा बदल कर प्लेन के पीछे से चलने लगती है।
किसी भी प्लेन की लैंडिंग के वक़्त हवा की दिशा की सही सही जानकारी बहुत ही जरूरी होती है। क्योंकि एयरपोर्ट पर चलने वाली हवा की दिशा का प्लेन की लैंडिंग स्पीड पर बहुत असर होता है। अगर लैंडिंग के वक़्त पायलट्स हवा की दिशा का सही तरीके से अनुमान नहीं लगा पाते, तो रनवे पर लैंड करने के बाद प्लेन को रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है । और ऐसे हालत में प्लेन रनवे पर क्रैश भी कर सकता है।
अब emirates फ्लाइट रनवे से कुछ ही क्षणों की दूरी पर है और पायलट प्लेन के Autothrottle system को स्पीड मोड पर set कर देते है। तेज़ी से रनवे की तरफ बढ़ता हुआ प्लेन अब महज 700 फ़ीट की ऊंचाई पर होता है की तभी प्लेन के पीछे से चलने वाली हवा की स्पीड बढ़ कर 16 knots हो जाती है, जिसके कारण प्लेन की स्पीड भी बढ़ जाती है।
प्लेन की स्पीड को बढ़ता देख कप्तान autopilot mode को स्विच ऑफ कर देता है और प्लेन का मैन्युअल कण्ट्रोल अपने हाथ में ले लेता है! रनवे पर लैंड करने से ढीक 5 seconds पहले अचानक फिर से हवा की दिशा बदल जाती है और वो प्लेन के पीछे की बजाय अब प्लेन के सामने से चलने लगती है।
लैंडिंग के इन क्षणों में प्लेन की स्पीड वगैरह को बदलना बहुत ही मुश्किल होता है. रनवे के ढीक ऊपर डगमगाता हुआ प्लेन 160 knots की स्पीड से अभी भी हवा में ही उड़ रहा था और runway 12L के खत्म होने से महज 1100 मीटर पहले प्लेन का दायां लैंडिंग गियर रनवे को टच करता है। और इसके 3 सेकण्ड्स बाद बायां लैंडिंग गियर रनवे को टच करता है।
प्लेन का front लैंडिंग गियर अभी भी हवा में ही था , और तभी अचानक कॉकपिट में प्लेन का Runway Awareness Advisory System रनवे खत्म होने की वार्निंग देने लगता है! रनवे को ख़तम होता देख कप्तान तुरंत ही प्लेन को दोबारा से हवा में ले जाने का फैसला करता है
कप्तान flap position को 20 पर set कर देता है और प्लेन के लैंडिंग गियर बंद करने के लिए नॉब को ऊपर की तरफ कर देता है। इसके बाद कप्तान ATC टावर को go around की जानकारी देता है. ATC कंट्रोलर कप्तान को निर्देश देता है की प्लेन को 4000 feet पर ले जाकर go around पूरा करे और फिर से प्लेन को लैंड करने की कोशिश करे। तेज़ी से रनवे पर दौड़ता हुआ प्लेन हवा में ऊपर उठने लगता है
134 knots की स्पीड से दौड़ता प्लेन अब रनवे से लगभग 85 फ़ीट की ऊंचाई पर उडने लगता है। अब तक प्लेन के लैंडिंग गियर भी बंद हो चुके थे। तभी अचानक प्लेन दुबारा से नीचे आने लगता है। प्लेन को नीचे आता देख कप्तान चिल्ला कर co -पायलट से स्पीड चेक करने को कहता है प्लेन के cockpit में Crash Landing का वार्निंग मैसेज बहुत ही तेज़ी से बजने लगता है। पायलट्स की लाख कोशिश के बावजूद 125 knots की स्पीड से उड़ता प्लेन धड़ाम से रनवे पर गिर कर फिसलने लगता है
इतनी तेज़ स्पीड से रनवे पर टकराने के कारन प्लेन का right इंजन टूट कर अलग हो जाता है और left engine में एक धमाके के साथ आग लग जाती है। रनवे पर घिसड़ता हुआ प्लेन कुछ ही देर में एयरपोर्ट की boundry के पास जा कर रूक जाता है लेकिन तब तक इंजन में लगी आग तेज़ी से फैलने लगती है।
आनन् फानन में airport fire brigade की गाड़ियां प्लेन की तरफ दौड़ती है और तेज़ी से foam का स्प्रे कर आग भुझाने की कोशिश करने लगती है Fire Brigade की गाड़ियां पहुँचने के लगभग 1 minute के अन्दर ही सभी पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स को सकुशल प्लेन से बाहर निकाल लिया जाता है।
इसके बाद सबसे आखिर में दोनों पायलट प्लेन के सामने के दरवाज़े पर लगी स्लाइड से बाहर निकलते है इस हादसे में सभी पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स को तो बचा लिया जाता है लेकिन बहादुरी से आग भुझाने की कोशिश में एक fire fighter शहीद हो जाता है। घटना के बाद दुबई एयरपोर्ट को लगभग 5 घंटो के लिए बंद कर दिया जाता है और दुबई आने वाली सभी फ्लाइट को लैंड करने के लिए Abu Dhabi International Airport भेज दिया जाता है।
Emirates Airline के 30 सालो के इतिहास में ये सबसे भयानक दुर्घटना थी और जिसके तुरंत बाद General Civil Aviation Authority ने इसकी जांच शुरू कर दी हादसे में शामिल बोइंग प्लेन एक US कम्पनी थी, इसलिए NTSB ने भी 5 लोगो की एक टीम इस हादसे की जांच के लिए दुबई भेज दी
September 2016 में इस दुर्घटना की प्रारंभिक रिपॉर्ट जारी की गयी , जिसमे कहा गया की पायलट्स ने प्लेन के लैंडिंग गियर के रनवे पर टच करने के बाद प्लेन को दोबारा से हवा में ले जाने का फैसला लिया। हवा में जाने के बाद प्लेन के लैंडिंग गियर अभी पूरी तरह बंद भी नहीं हुए थे की तभी प्लेन दुबारा से रनवे पर गिर गया। प्रारंभिक रिपॉर्ट में किसी को भी इस हादसे का दोषी नहीं माना गया।
6 February 2020 को इस हादसे की फाइनल रिपोर्ट जारी की गई , जिसमे लैंडिंग के वक़्त पायलट्स के द्वारा फ्लाइट इंस्ट्रूमेंट्स को बिना अच्छी तरह जाने go around की कोशिश करने को इस हादसे की main वजह माना गया।